
खबरों की दुनिया, रुद्रपुर
रूहेलखंड विश्वविद्यालय की रिटायर्ड महिला कुलपति को डिजिटल अरेस्ट करने के साइबर क्राइम का पर्दाफाश करते हुए साइबर क्राइम सेल ने मुख्य अभियुक्त को हिमाचल से गिरफ्तार कर लिया और साइबर ठगी के उपकरण भी बरामद किए। अभियुक्त ने मनी लॉन्ड्रिंग का भय दिखाकर फर्जी साइबर अधिकारी बनकर साइबर ठगी को अंजाम दिया था। पुलिस ने अभियुक्त को न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया है।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि मल्लीताल नैनीताल की रहने वाली बीना शाह ने तहरीर देते हुए बताया था कि वह रुहेलखंड विवि के कुलपति पद से रिटायर हुई हैं। अगस्त माह में उनके पास एक अज्ञात कॉल आई है। जो खुद को पहले टेलीकॉम कंपनी का अधिकारी बता रहा था और दूसरे कॉलर ने खुद को मुंबई साइबर क्राइम विभाग का अधिकारी बताया। साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग का खौफ दिखाकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया और फिर खातों की जानकारी लेने के बाद 1.47 करोड़ की साइबर ठगी को अंजाम दे डाला। बताया कि मुकदमा पंजीकृत होते ही खुलासे की जिम्मेदारी साइबर क्राइम सेल कुमाऊं प्रभारी अरुण कुमार को दी गई। साइबर टीम ने जैसे ही तफ्तीश प्रारंभ की। तो पता चला कि रुहेलखंड विवि की सेवानिवृत्त कुलपति से साइबर ठगी करने का मुख्य अभियुक्त लीली अपार्टमेंट अमरावती बददी सोलन हिमाचल प्रदेश का रहने में है और उसका स्थाई पता गाँव लक्खीबंस सदौर यमुनानगर हरियाणा में है। आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए साइबर क्राइम सेल की एक टीम ने दबिश देकर साइबर ठग राजेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही कमरे से साइबर ठगी में प्रयोग होने वाले आधुनिक उपकरण भी बरामद किये। पुलिस ने अभियुक्त को न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया है।




