
खबरों की दुनिया, हल्द्वानी
योगा ट्रेनर ज्योति मेर की मौत के मामले में सोमवार को हल्द्वानी में जमकर हंगामा हुआ। चार दिन पहले ज्योति की लाश उसी के कमरे में मिली थी। मामले में योगा ट्रेनिंग सेंटर के मालिक पर हत्या का आरोप लगाते हुए ज्योति के परिजन पहाड़ी आर्मी के लोगों के साथ ट्रेनिंग सेंटर पहुंच गए। उन्होंने जबरन सेंटर में घुसने की कोशिश की और जब पुलिस ने उन्हें रोका तो लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और कई लोगों को कोतवाली उठा लाई। जिसके बाद कोतवाली में भी जमकर हंगामा हुआ।
बता दें कि ज्योति मेर मुखानी के जेके पुरम में किराये के कमरे में अकेले रहती थी और हीरानगर-मुखानी नहर कवरिंग रोड स्थित योगा सेंटर में बतौर ट्रेनर काम करती थी। बीती 31 जुलाई को उसका शव उसी के कमरे में मिला था। परिजन पहले ही दिन से ज्योति की हत्या किए जाने का आरोप योगा सेंटर के संचालक अजय यदुवंशी और उसके छोटे भाई अभय यदुवंशी पर लगा रहे थे। मामले में ज्योति की मां हल्दूचौड़ निवासी दीपा मेर ने मुखानी पुलिस को तहरीर सौंपी थी, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया।
इधर, मामले में कार्रवाई न होने और पुलिस पर आरोपियों का साथ देने का आरोप लगाते हुए सोमवार को ज्योति के तमाम परिजन पहाड़ी आर्मी नेता हरीश रावत और उनके साथियों के साथ योगा सेंटर पहुंच गए। जानकारी मिलते ही पुलिस भी पहुंच गई और उन्हें योगा सेंटर में दाखिल होने से रोक दिया। जिसके बाद नाराज लोग हाथ में जस्टिस फॉर ज्योति के पोस्टर लेकर नहर कवरिंग रोड पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। इससे सड़क पर करीब आधे घंटे तक जाम लगा रहा। हंगामा बढ़ता देख कोतवाल राजेश कुमार यादव के साथ कई चौकियों का पुलिस बल मौके पर पहुंच गया।
पुलिस ने लोगों को सड़क से हटने के लिए कहा, लेकिन जब वह नहीं माने तो पुलिस उन्हें जबरन सड़क से हटाया और उठा कर कोतवाली ले आई। जिसके बाद तमाम लोग कोतवाली पहुंच गए और यहां भी हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। कोतवाली में करीब आधा घंटा हंगामे के बाद पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। कोतवाल राजेश कुमार यादव ने बताया कि ज्योति की मौत मामले में मुखानी पुलिस कार्रवाई कर रही है। घटना को लेकर लोग नाराज थे, जिन्हें समझा कर शांत करा दिया गया और हिरासत में लिए गए सभी लोगों को छोड़ दिया गया।





