खबरों की दुनिया, रुद्रपुर
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में जहां नैनीताल-रामपुर हाईवे पर हुए छात्र गुटों में गोलीकांड की वारदात के बाद जहां नामजद अभियुक्तों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो चुकी है। वहीं दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने पर एसएसपी ने रंपुरा चौकी प्रभारी सहित तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। कप्तान की सख्ती के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
बताते चलें कि 24 सितंबर की दोपहर को उस वक्त नैनीताल-रामपुर हाईवे डिग्री कॉलेज मुख्य गेट के सामने अफरातफरी और वर्चस्व की लड़ाई का अखाड़ा बन गया था। जब छात्र संघ अध्यक्ष पद के प्रत्याशी नागेंद्र गंगवार व रजत सिंह बिष्ट के समर्थक आमने-सामने हो गए। देखते ही देखते दोनों ओर से पिस्टल से निकली गोलियों की आवाजें गूंजने लगीं। गोलीकांड की घटना के बाद से ही एसएसपी मणिकांत मिश्रा सख्त हो गए और पुलिस ने 15 अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी थी। वहीं गोली कांड प्रकरण की गूंज रंपुरा चौकी में भी पहुंची और चौकी प्रभारी प्रदीप कोली, एएसआई अमित कुमार और सिपाही गणेश धानिक पर दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप लग गया। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने एक्शन लेते हुए तत्काल निलंबित करने का आदेश दे दिया। साथ ही हिदायत दी कि गोलीकांड प्रकरण में लापरवाही या फिर कठोर कार्रवाई नहीं होने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
जब लाठियां फटकार पुलिस ने भीड़ को दौड़ाया : शुक्रवार की सुबह कोतवाली पुलिस का सख्त रुख देखने को मिला। पुलिस युवक को हिरासत में लेकर कोतवाली पहुंची ही थी कि भीड़ ने कूच कर दिया। इस पर पुलिस ने लाठियां फटकार कर भीड़ को तितर बितर कर दिया। बताते चलें कि शुक्रवार की सुबह कोतवाली पुलिस ने खेड़ा बस्ती से छात्र संघ चुनाव में दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी प्रकरण में खेड़ा बस्ती के एक युवक को हिरासत में लेकर कोतवाली पहुंची थी। इस बीच गिरफ्तारी की भनक लगते ही बड़ी संख्या में लोगों ने कोतवाली की ओर कूच कर दिया। नारेबाजी के साथ भीड़ जैसे ही नजदीक पहुंची तो कोतवाली में बैठे एसएसआई नवीन बुधानी भड़क गए।एसएसआई ने पुलिसकर्मियों के साथ कोतवाली परिसर में घुसने की कोशिश करती भीड़ को वापस जाने की हिदायत दी, जब भीड़ का इरादा वापस जाने का नहीं था तो पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए लाठियां फटकारते हुए भीड़ को तितर बितर कर दिया। पुलिस का सख्त रुख देख भीड़ भी दौड़कर अपनी जान बचाने की कोशिश करने लगी। कुछ ही देर बाद भीड़ तितर बितर हो गई और कामकाज सामान्य हो गया।





