बच्चे के गले में फंसा सिक्का, जान पर बनी

एसटीएच के ईएनटी विभाग में हुआ उपचार, डॉ.डाॅ. शहजाद ने बच्चे के गले में फंसा सिक्का निकाला -

खबरों की दुनिया, हल्द्वानी

11 साल के एक बच्चे के गले में सिक्का फंस गया। सिक्का फंसने के बाद परिजन उसे उपचार के लिए डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल लेकर आए। यहां ईएनटी विभाग के डॉ. शहजाद ने बच्चे के गले से सिक्का निकालकर उसकी जान बचाई।

जानकारी के अनुसार चंपावत के गांव मनिहारगोठ निवासी आबिद सिद्दीकी के 11 साल के बेटे मो. सैफ के गले में 20 रुपये का सिक्का चला गया। सिक्का जाने के बाद वह परेशान हो उठा। परिजनों को पता चला तो उसे आनन-फानन में उपचार के लिए खटीमा के निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां जब बच्चे को उपचार नहीं मिला तो परिजन उसे लेकर हल्द्वानी में एसटीएच में पहुंचे। ईएनटी विभाग के डॉ. शहजाद ने बच्चे की जांच की। डॉक्टर व उनकी टीम ने मंगलवार की सुबह एक्स-रे की मदद से गले में फंसे सिक्के की स्थिति को देखा। सिक्के की स्थिति जानने के बाद डॉक्टर ने बच्चे के गले से निकाल दिया। इससे पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली।

Harish Upreti Karan

पिछले 20 वर्षों से दैनिक जागरण, हिंदुस्तान व अमृत विचार में पत्रकार के रूप में कार्य करने के अलावा चार काव्य संग्रह प्रकाशित, आकाशवाणी रामपुर व अल्मोड़ा से विभिन्न रचनाओं का प्रसारण, हिंदी फिल्म "यंग बाइकर्स" के लिए गीत लेखन, पर्यटन विभाग के लिए बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "चंपावत एक धरोहर" की स्क्रिप्ट राइटिंग, कुमाऊनी फिल्म "फौजी बाबू", "पधानी लाली", रंगमंच के विभिन्न नाटकों में अभिनय, कुमाऊनी गीत "पहाड़ छोड़ दे" और "काली जींस" का लेखन व गायन, फिल्म राइटर्स एसोसिएशन मुंबई का सदस्य

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