राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण ने की पूर्व आईपीएस लोकेश्वर सिंह पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति

गंभीर आरोप: व्यापारी को कार्यालय में बुलाकर मारपीट

खबरों की दुनिया, हल्द्वानी

उत्तराखंड कैडर के 2014 बैच के पूर्व आईपीएस अधिकारी लोकेश्वर सिंह उनके खिलाफ आए राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण के एक फैसले के कारण एक बार फिर से चर्चा में हैं।वर्ष 2023 के इस मामले में लोकेश्वर सिंह पर पिथौरागढ़ में एसएसपी रहते हुए व्यापारी लक्ष्मी दत्त जोशी को कार्यालय में बुलाकर मारपीट और गालीगलौज करने का है ।

मामले में शिकायतकर्ता लक्ष्मी दत्त जोशी पुत्र चेतराम जोशी निवासी मंगलम गारमेंटस पुरानी बाजार, पिथौरागढ़ ने अपने शिकायती पत्र के साथ बीडी पाण्डे, जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ की चिकित्सकीय पर्ची, मेडिकल रिपोर्ट तथा एक्स-रे रिपोर्ट भी प्रस्तुत की । शिकायती पत्र के साथ प्रेषित शपथ पत्र में लक्ष्मी दत्त जोशी का कहना था कि 6 फरवरी, 2025 को दिन में उनके साथ टकाना में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अन्दर पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह व अन्य 6 पुलिस कर्मियों ने मारपीट की, जिसमें उन्हें काफी चोटें आयी। जिसकी मेडिकल रिपोर्ट व एक्स-रे रिपोर्ट भी संलग्न कर प्रेषित की गई। उक्त घटना से उन्हें घोर आर्थिक व मानसिक हानि हुई है। आरोप था कि लोकेश्वर सिंह ने पद का दुरुपयोग करते हुए पूर्व में भी उन्हें परेशान करने की नीयत से फर्जी मुकदमा दायर किया था। मामले में शिकायत की एक प्रति विपक्षी पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह को भेजकर उससे उत्तर शपथ पत्र प्राप्त किया गया। जिसमें लोकेश्वर सिंह ने लक्ष्मी दत्त को आपराधिक किस्म का व्यक्ति बताते हुए तमाम आरोपों को झूठा बताया। लेकिन वीसी से हुई सुनवाई में लोकेश्वर सिंह के बयानों और शपथ पत्र में पेश की गई दलीलों में विरोधाभास मिला।

मामले में राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण उत्तराखंड की न्यायमूर्ति एनएस धानक की अध्यक्षता वाली पीठ  ने सिलसिलेवार विवेचना के निष्कर्षानुसार विपक्षी पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह को उपरोक्त मामले में शिकायतकर्ता को अपने कार्यालय में बुलाकर उसे नग्न कर उसके साथ मारपीट करने और उसे काफी देर तक कार्यालय में बिठाने का दोषी मानते हुये उनके विरूद्ध सम्य्क अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की संस्तुति उत्तराखंड शासन, गृह विभाग को भेजने का फैसला सुनाया। इसके साथ ही राज्य सरकार को अनुशंसा के क्रम में अपचारी पुलिस अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही प्रारम्भ करते हुये उसे नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्त के अनुसार सुनवाई का पर्याप्त अवसर प्रदान करते हुये विधि के अनुसार कार्यवाही सम्पादित करने के लिए यह भी निर्देशित किया है। इसके साथ राज्य सरकार को कृत कार्यवाही से प्राधिकरण को भी अवगत कराने के लिए निर्देशित किया है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के चंबा निवासी यह अधिकारी पिथौरागढ़ और पौड़ी जनपद के एसएसपी के रूप में कार्य कर चुका हैं। हाल ही में उसका चयन संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध एक अंतरराष्ट्रीय संगठन में होने के बाद लोकेश्वर सिंह ने अक्टूबर 2025 में अपने पद से इस्तीफ़ा दिया है। विवादित आईपीएस अधिकारी लोकेश्वर सिंह के खिलाफ प्राधिकरण में दो पुराने मामलों की सुनवाई पहले से चल रही थी। लोकेश्वर सिंह पर पौड़ी में एसएसपी रहते हुए कोटद्वार के पत्रकार सुधांशु थपलियाल की गिरफ्तारी करने का भी आरोप है। मामले के अनुसार पत्रकार सुधांशु ने सड़क हादसे में मृत युवती से संबंधित एक पोस्ट अपने सोशल मीडिया पेज पर साझा किया था, जिसके बाद देर रात पुलिस टीम उन्हें घर से थाने ले गई और मानहानि सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर रातभर लॉकअप में रखा गया। पत्रकार का आरोप है कि मामले में पौड़ी एसएसपी लोकेश्वर सिंह की भूमिका रही। यही शिकायत प्राधिकरण में दर्ज है। वहीं पौड़ी निवासी संदीप पोखरियाल ने भी प्राधिकरण में आईपीएस लोकेश्वर सिंह के खिलाफ नई शिकायत दर्ज कराई है।

Harish Upreti Karan

पिछले 20 वर्षों से दैनिक जागरण, हिंदुस्तान व अमृत विचार में पत्रकार के रूप में कार्य करने के अलावा चार काव्य संग्रह प्रकाशित, आकाशवाणी रामपुर व अल्मोड़ा से विभिन्न रचनाओं का प्रसारण, हिंदी फिल्म "यंग बाइकर्स" के लिए गीत लेखन, पर्यटन विभाग के लिए बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "चंपावत एक धरोहर" की स्क्रिप्ट राइटिंग, कुमाऊनी फिल्म "फौजी बाबू", "पधानी लाली", रंगमंच के विभिन्न नाटकों में अभिनय, कुमाऊनी गीत "पहाड़ छोड़ दे" और "काली जींस" का लेखन व गायन, फिल्म राइटर्स एसोसिएशन मुंबई का सदस्य

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