खबरों की दुनिया, रामनगर
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के झिरना पर्यटन जोन में सफारी के दौरान नियमों का उल्लंघन करने पर लखनऊ निवासी एक पर्यटक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। बाघ देखने के मकसद से अवैध रूप से वॉकी-टॉकी ले जाने के मामले में कॉर्बेट प्रशासन ने पर्यटक को छह माह के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है,अब वह अगले छह महीनों तक कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के किसी भी पर्यटन जोन में सफारी या नाइट स्टे नहीं कर सकेगा।
कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के उपनिदेशक राहुल मिश्रा ने मामले की जांच वन क्षेत्राधिकारी ईको टूरिज्म को दी थी। ईको ट्यूरिज्म की टीम ने आरोप को शी ठहराया था। बता दें कि 10 दिसंबर को झिरना पर्यटन ज़ोन में सफारी के दौरान एक पर्यटक समूह के पास वॉकी-टॉकी होने की सूचना मिली थी। यह समूह सफारी वाहन से जंगल भ्रमण पर गया हुआ था,सूचना मिलते ही प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के निर्देश दिए। पार्क वार्डन ने बताया कि जांच की जिम्मेदारी आरो इको टूरिज्म को सौंपी गई,जांच में यह स्पष्ट हुआ कि संबंधित पर्यटक ने सफारी के दौरान अवैध रूप से वॉकी-टॉकी अपने पास रखा था, यह कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व की निर्धारित पर्यटन गाइडलाइन और नियमावली का सीधा उल्लंघन है, पार्क प्रशासन द्वारा पहले से ही स्पष्ट किया गया है कि पर्यटकों को सफारी के दौरान किसी भी प्रकार के संचार उपकरण, वॉकी-टॉकी या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ले जाने की अनुमति नहीं है, क्योंकि इससे वन्यजीवों की सुरक्षा और जंगल की शांति प्रभावित हो सकती है।
बिंदरपाल सिंह ने बताया कि नियमों के उल्लंघन को गंभीर मानते हुए संबंधित पर्यटक को छह माह के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। इस अवधि में वह कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के किसी भी पर्यटन जोन में न तो सफारी कर सकेगा और न ही नाइट स्टे की अनुमति मिलेगी। कॉर्बेट प्रशासन ने सभी पर्यटकों से अपील की है कि वे जंगल भ्रमण के दौरान तय नियमों और दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें। नियमों का उल्लंघन न केवल कानूनी कार्रवाई को आमंत्रित करता है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण संतुलन के लिए भी खतरा पैदा करता है, इसलिए उक्त लखनऊ के पर्यटक को 6 माह के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया गया।
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