श्रद्धा का समंदर: दो लाख से अधिक भक्तों ने बाबा नीब करौरी के दरबार में टेका माथा

कैंची धाम में गूंजे जयकारे, घंटों की कतारों के बाद मिला आशीर्वाद

✍️ खबरों की दुनिया, हल्द्वानी

कैंची धाम रविवार को आस्था, भक्ति और उल्लास से सराबोर रहा। बाबा नीब करौरी महाराज के 61वें स्थापना दिवस पर करीब दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मंदिर में माथा टेककर आशीर्वाद प्राप्त किया और मालपुए का प्रसाद ग्रहण किया। सुबह ब्रह्ममुहूर्त 3 बजे से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था, जो देर रात तक अनवरत जारी रहा। देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं—दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, यूपी, बिहार से लेकर दक्षिण भारत तक—ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और बाबा के चरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। मंदिर परिसर बाबा के जयकारों से गुंजायमान हो उठा।

हर रास्ता बाबा के द्वार की ओर

मंदिर के दोनों रास्तों में सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालु कतारों में खड़े रहे। कड़क धूप और झमाझम बारिश भी उनकी आस्था को नहीं डिगा सकी। करीब पांच किलोमीटर तक फैली कतारें दिनभर बनी रहीं।

सुरक्षा व्यवस्था रही चाकचौबंद

भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। दो अपर पुलिस अधीक्षक, छह सीओ, दस इंस्पेक्टर, तीन पीएसी कंपनियां और 300 जवानों ने मोर्चा संभाले रखा। आईजी रिद्धिम अग्रवाल स्वयं कैंची धाम में मौजूद रहीं और चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा दिनभर मंदिर के मुख्य द्वार पर उपस्थित रहकर यातायात और भीड़ व्यवस्था का निरीक्षण करते रहे।

भंडारे और पेयजल की रही उत्तम व्यवस्था

धाम पहुंचने वाले भक्तों के लिए जगह-जगह पेयजल, शरबत और भंडारे का आयोजन किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता और स्वयंसेवी दिनभर सेवा में जुटे रहे।

श्रद्धा की मिसाल: रात 1 बजे से लगने लगी कतारें

बाबा नीब करौरी महाराज के प्रति भक्तों की अगाध श्रद्धा का आलम यह रहा कि रात 1 बजे से ही लोग लाइन में लगने लगे। सड़क किनारे आराम करते, कंबल ओढ़े, बाबा के जयकारे लगाते भक्तों की आंखों में बस एक ही आकांक्षा थी—बाबा के चरणों की झलक।

 

 

 

Harish Upreti Karan

पिछले 20 वर्षों से दैनिक जागरण, हिंदुस्तान व अमृत विचार में पत्रकार के रूप में कार्य करने के अलावा चार काव्य संग्रह प्रकाशित, आकाशवाणी रामपुर व अल्मोड़ा से विभिन्न रचनाओं का प्रसारण, हिंदी फिल्म "यंग बाइकर्स" के लिए गीत लेखन, पर्यटन विभाग के लिए बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "चंपावत एक धरोहर" की स्क्रिप्ट राइटिंग, कुमाऊनी फिल्म "फौजी बाबू", "पधानी लाली", रंगमंच के विभिन्न नाटकों में अभिनय, कुमाऊनी गीत "पहाड़ छोड़ दे" और "काली जींस" का लेखन व गायन, फिल्म राइटर्स एसोसिएशन मुंबई का सदस्य