
खबरों की दुनिया, हल्द्वानी
उत्तराखंड में लगातार हो रहे पेपर लीक मामलों के खिलाफ छात्र-नौजवानों का संघर्ष बुद्ध पार्क में जारी है। छात्रों ने शुक्रवार को सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन प्रेषित किया, जिसमें उन्होंने परीक्षा घोटालों की सीबीआई जांच कराने और दोषियों को कड़ी सज़ा देने की मांग की है। परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास) के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि राज्य की धामी सरकार युवाओं का भरोसा खो चुकी है और कोई भी परीक्षा पारदर्शी ढंग से आयोजित नहीं कर पा रही है। पछास के इकाई सचिव महेश ने बयान जारी कर कहा कि जब से धामी सरकार सत्ता में आई है, तब से पेपर लीक माफिया को संरक्षण मिल रहा है और वे लाखों में पेपर बेच रहे हैं। छात्रों का कहना है कि वे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
सीबीआई जांच की मांग पर छात्र अड़े : ज्ञापन में छात्रों ने साफ कहा है कि राज्य सरकार को इन परीक्षाओं की सीबीआई जांच करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले सरकार पेपर लीक की घटनाओं को नकारती रही, फिर आयोग के अध्यक्ष ने केवल तीन पर्चे लीक होने की बात कही। राज्य भर के छात्रों, नौजवानों और अभिभावकों के संघर्ष के बाद सरकार एसआईटी जांच के लिए तैयार हुई। हालांकि, छात्रों का आरोप है कि एसआईटी जांच के बावजूद भी सरकार अब इसमें ‘’पेपर जिहाद’’ का मामला लाकर मुद्दे को डाइवर्ट करने की कोशिश कर रही है। छात्रों ने स्पष्ट किया कि अपराधी कोई भी हो, उसे कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए, लेकिन मामले को भटकाया नहीं जाना चाहिए। पछास के सचिव महेश ने कहा, “हमारी मांग साफ है कि निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो, अपराधियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिले और छात्रों-युवाओं के रोजगार के अधिकार को सुनिश्चित किया जाए। प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि देशभर में पेपर लीक की घटनाएं हो रही हैं और उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी छात्र-नौजवानों को इसके खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। आज के धरना प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने की प्रक्रिया में सैकड़ों की संख्या में छात्र-युवा और सामाजिक संगठनों के सदस्य मौजूद रहे, जिसमें पछास के कार्यकर्ता भी सक्रिय रूप से शामिल थे।




