
खबरों की दुनिया, नैनीताल
कुमाऊं विश्वविद्यालय का 20वें दीक्षांत समारोह डीएसबी परिसर के एएन. सिंह सभागार में अयोजित किया गया।समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि रही कुलाधिपति राज्यपाल सेनि. लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत, कुलपति प्रो. डीएस रावत, कुलसचिव डॉ. मंगल सिंह मंद्रवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डीएस रावत ने विश्वविद्यालय के एक वर्ष का लेखा-जोखा और एकेडमिक कैलेंडर मुख्य अतिथि के समक्ष पेश कया।दीक्षांत समारोह में स्नातक एवं स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी कर चुके 16 हजार 183 छात्रों की डिग्री का अनुमोदन किया गया।जिसमें 9,788 छात्राएं और 6,395 छात्र शामिल हैं। स्नातक स्तर पर 7,823 छात्राएं और 1,965 छात्र, जबकि स्नातकोत्तर वर्ग में 5,067 छात्राएं और 1,328 छात्र उपाधि प्राप्त की गई। समारोह में 234 शोधार्थियों को पीएच.डी. की डिग्री प्रदान की गई। जिनमें 90 पुरुष और 144 महिलाएं हैं। वहीं तीन विशिष्ट शोधकर्ताओं को डी.लिट. की उपाधि से सम्मानित किया गया। इससे पूर्व कार्यक्रम में मंत्रोच्चारण के बीच शोभायात्रा का कार्यक्रम स्थल डीएसबी परिसर के एएन सिंह हॉल में स्वागत किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तराखण्ड के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने की। इस अवसर पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, कुलपति प्रो. दिवान सिंह रावत, उच्च शिक्षा विभाग एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, अधिकारी, शिक्षक, विद्यार्थी एवं अभिभावक उपस्थित रहे।
इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि यह जीवन को दिशा देने वाली सतत साधना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह व्यक्ति में मानवीय संवेदनाओं, नैतिक मूल्यों और समाज के प्रति उत्तरदायित्व की भावना को जागृत करती है। उन्होंने कहा कि हिमालय की गोद में स्थित कुमाऊँ विश्वविद्यालय न केवल उच्च शिक्षा का केंद्र है, बल्कि यह ज्ञान, संस्कृति और पर्यावरण चेतना का संगम भी है। कुलपति प्रो. दिवान सिंह रावत ने कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों में सामाजिक उत्तरदायित्व, पर्यावरणीय चेतना और अनुसंधान की भावना विकसित करना है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भागीदारी हेतु वित्तीय सहायता, अनाथ विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क शिक्षा, एसएसबी प्रशिक्षण, ई-बुक्स सुविधा, और विभिन्न इंटर्नशिप योजनाएँ प्रारंभ की हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में आधारभूत ढांचे के आधुनिकीकरण पर विशेष बल दिया गया है। दोनों परिसरों में 10 नई इमारतों का निर्माण, 788 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना, चार स्किल सेंटर, एनसीसी कैडेट्स के लिए रोइंग बोट सिम्युलेटर, और दो इंडोर फायरिंग रेंज विकसित की जा रही हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पदक प्रदान किए।
राज्य सरकार गुणवत्तापरक, शोधोन्मुख और रोजगारपरक शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के विश्वविद्यालयों में नई तकनीक, स्टार्टअप, नवाचार और कौशल विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि विद्यार्थी आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकें। डॉ धन सिंह रावत,उच्च शिक्षा मंत्री
इनको मिले पदक
पदक प्राप्त करने वालों में प्रमुख रूप से अदिति गोयल, अपर्णा जोशी, हर्ष तिवारी, हर्षित जोशी, हर्षिता कबड़ियाल, हर्षिता सक्सेना, हिमानी चौसाली, खुशी देवाल, खुशी खाती, लवली नेगी, मीतू गोयल, नेहा डोबाल, निखिल बिष्ट, निकिता सिंह, पूजा बिष्ट, प्रियांका रावत, राशि उप्रेती और रेनू नेगी शामिल हैं। इन विद्यार्थियों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से विश्वविद्यालय और प्रदेश का गौरव बढ़ाया।



