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खनस्यूं क्षेत्र के जंगलों में जंगली जानवरों का शिकार करने आए दो शिकारीयों ने एसटीएफ टीम पर फायरिंग कर दी, जिसमें एक हेड कांस्टेबल और एक राहगीर घायल हो गए। गोली लगने के बावजूद एसटीएफ ने तत्परता दिखाते हुए एक आरोपी को मौके से दबोच लिया, जबकि उसका साथी घने जंगल का फायदा उठाकर फरार हो गया। घटना के बाद पूरे इलाके में पुलिस और एसओजी की दबिश तेज कर दी गई है।
कैसे हुई पूरी वारदात?
6 दिसंबर को एसटीएफ के एसआई विपिन चंद्र जोशी अपनी टीम के साथ वाइल्ड लाइफ से जुड़ी सूचना पर खनस्यूं क्षेत्र में पहुंचे थे। टीम में एसआई कृष्ण गोपाल मठपाल, हेड कांस्टेबल भूपेंद्र मर्तोलिया, हेड कांस्टेबल किशोर कुमार, हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह और कांस्टेबल वीरेंद्र चौहान शामिल थे। इनके साथ वन विभाग तराई केंद्र वन प्रभाग रुद्रपुर की एसओजी टीम के प्रभारी कैलाश चंद्र तिवारी और डब्ल्यूसीसीबी के लाल सिंह भी मौजूद थे।स्थानीय वनआरक्षी दीपक बिष्ट को साथ लेकर टीम छेड़ाखान नर्सरी की ओर बढ़ी। तभी नर्सरी के पास जंगल में दो संदिग्ध व्यक्ति नजर आए। टीम को देखते ही दोनों छिपने लगे, जिसके बाद एसटीएफ ने जंगल में प्रवेश कर घेराबंदी शुरू कर दी। इसी दौरान आरोपियों ने अचानक फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में हेड कांस्टेबल भूपेंद्र मर्तोलिया की छाती में गोली लगी, जबकि रास्ते से गुजर रहे एक राहगीर के मुंह में छर्रे धंस गए। गंभीर चोट के चलते वह अपना नाम तक नहीं बता सका।
एक आरोपी दबोचा, दूसरा फरार
फायरिंग के बाद दोनों हमलावर भागने लगे। एसटीएफ ने पीछा कर छेड़ाखान के जंगल से एक शिकारी को पकड़ लिया। उसने अपना नाम सुंदर सिंह रेकुड़ी, निवासी गोल डांडा (रीठा साहिब, चंपावत) बताया। फरार साथी की पहचान यशोद सिंह मेहरा, निवासी अघोड़ा (तोक सौगदुगों) के रूप में हुई। पकड़े गए सुंदर सिंह ने पूछताछ में खुलासा किया कि दोनों पेशेवर शिकारी हैं और जंगल में जानवरों का अवैध शिकार करते हैं। उसने यह भी स्वीकार किया कि यशोद सिंह भालुओं को मारकर उनकी पित्त की थैली ऊंचे दामों पर बेचता है। उधर, घायल हेड कांस्टेबल और राहगीर को एसआई कृष्ण गोपाल मठपाल और हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह ने तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां दोनों की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।
मुकदमा दर्ज, दबिश जारी
एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ धारा 109(1) और 121(2) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। फरार शिकारी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम लगातार छापेमारी कर रही है। एसटीएफ का कहना है कि दूसरे आरोपी को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।



