खबरों की दुनिया, रुद्रपुर
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने सेवा में कमी और मानसिक क्षति के लिए सितारगंज के सक्सेना नर्सिंग होम के स्वामी को पीड़ित महिला को 57 हजार रुपये देने के आदेश दिए हैं।
यहां बता दें कि वार्ड सात सितारगंज निवासी आशा रानी पत्नी रामऔतार ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद दायर किया था। जिसमें कहा गया कि वह मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की कार्ड धारक है। पेट में दर्द होने पर डॉक्टर को दिखाया जांच करने पर पित्त की थैली में पथरी बताई गई। इसके लिए ऑपरेशन की सलाह दी गई थी। उन्होंने बताया कि सक्सेना नर्सिंग होम सितारगंज ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में निशुल्क ऑपरेशन करने के लिए सहमति दी। 25 दिसंबर 2015 को ऑपरेशन की तिथि बतायी। साथ ही ऑपरेशन से पहले अल्ट्रासाउंड और कुछ अन्य जांच कराने की बात कही। जिसका बिल उन्हें अलग से देना होगा। इस पर उन्होंने पांच हजार का भुगतान किया। उसकी रसीद और जांच रिपोर्ट मांगी तो नहीं दी। ऑपरेशन के बाद बाहर से एक हजार रुपये की दवा खरीदवाई गई। इस बीच उसके पीठ पर जलन होने लगी। जब सक्सेना नर्सिंग होम की डॉ.पुष्पलता सक्सेना को दिखाया तो उन्होंने ध्यान नहीं दिया। इसके उपचार में उनका 11 हजार का खर्चा आया। इसके बाद उन्होंने रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज बरेली में उपचार कराया। वहां उपचार ठीक तरीके से हुआ और उनकी उनकी जान बची। लेकिन धन के अभाव में वह प्लास्टिक सर्जरी नहीं करा पाई। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष राजीव कुमार खरे, सदस्य नवीन चंद चंदोला, डॉ.मनीला ने सक्सेना नर्सिंग होम के स्वामी को 45 दिन के भीतर सेवा की कमी के लिए 50 हजार और मानसिक क्षति के लिए पांच हजार रुपये और वाद व्यय के लिए दो हजार आशा रानी को देने के निर्देश दिए हैं।





