अब विद्यार्थी भवाली में ही पढ़ सकेंगे ‘जीव विज्ञान’!

जीबी पंत इंटर कॉलेज को मिली बहुप्रतीक्षित मान्यता, बच्चों को नहीं जाना पड़ेगा दूर

जीर्णोद्धार के बाद स्कूल का दृश्य

मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात अपर सचिव और कॉलेज के पूर्व छात्र जगदीश चंद्र कांडपाल के व्यक्तिगत प्रयासों से हुआ संभव

खबरों की दुनिया, हल्द्वानी

भवाली और उसके आस-पास के हज़ारों विद्यार्थियों के लिए यह खबर किसी तोहफे से कम नहीं। अब उन्हें जीव विज्ञान (Biology) पढ़ने के लिए नैनीताल या भीमताल के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। गोविंद बल्लभ पंत इंटर कॉलेज, भवाली में ही अब यह विषय पढ़ाया जाएगा।

इस नए सत्र 2025–26 से कॉलेज को जीव विज्ञान विषय की वित्त विहीन मान्यता मिल गई है। यह सुविधा मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात अपर सचिव और कॉलेज के पूर्व छात्र जगदीश चंद्र कांडपाल के व्यक्तिगत प्रयासों से संभव हो पाई है। अमूमन देखा गया है कि लोग बड़े पदों पर पहुंचने के बाद अपनी मिट्टी और अपने पुराने दिनों को भूल जाते हैं लेकिन अपर सचिव जगदीश कांडपाल इसके ठीक उलट रहे। उन्होंने बड़े पद पर पहुंचने के बावजूद अपने उस विद्यालय को याद रखा जिसने उन्हें इस पद के लायक बनाया, यही कारण है कि वह हमेशा अपने विद्यालय के लिए सोचते रहे और उसकी तरक्की के लिए प्रयास भी करते रहे।

38 साल बाद पूरी हुई अधूरी आस : आपको जानकर हैरानी होगी कि भवाली के इस एकमात्र अर्द्ध सरकारी इंटर कॉलेज में साल 1988 में विज्ञान (गणित) की मान्यता तो मिली थी, मगर जीव विज्ञान को हमेशा अनदेखा किया गया। नतीजा – इस विषय के इच्छुक विद्यार्थियों को करीब 15-20 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था।

NEET की तैयारी में मिलेगी मदद : अब इस विषय की उपलब्धता से वे छात्र-छात्राएं जो डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं, उन्हें यहीं रहकर NEET जैसी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलेगी। इस वर्ष 9 छात्र-छात्राओं ने जीव विज्ञान विषय में प्रवेश भी ले लिया है।

शिक्षक की भी हो चुकी है व्यवस्था : डॉ. लीलाधर भट्ट मेमोरियल कल्याण समिति के सहयोग से 1 जून 2025 से विषय शिक्षक की भी नियुक्ति हो चुकी है। यह बदलाव न केवल शैक्षणिक दृष्टि से अहम है, बल्कि क्षेत्र में शिक्षा की नई लहर लेकर आएगा।

विद्यालय में संसाधनों की बयार: केवल विषय की मान्यता ही नहीं, श्री कांडपाल ने कॉलेज में घटती छात्र संख्या को देखते हुए विभिन्न संस्थाओं की मदद से विद्यालय का जीर्णोद्धार और संसाधन जुटाने का भी बीड़ा उठाया। अब स्कूल की कक्षाएं और सुविधाएं निजी विद्यालयों की तर्ज पर आधुनिक हो चुकी हैं।

क्लासरूम में बच्चों के साथ सवाल जवाब करते अपर सचिव जगदीश कांडपाल व एनआरआई राज भट्ट।

क्षेत्रवासियों ने जताया आभार : इस ऐतिहासिक पहल के लिए क्षेत्रवासियों ने अपर सचिव जगदीश चंद्र कांडपाल और राज्य सरकार के प्रति आभार और प्रशंसा प्रकट की है। तो कह सकते हैं, अब भवाली में शिक्षा की हवा बदली है और यह बदलाव जीव विज्ञान से शुरू हुआ है!

Harish Upreti Karan

पिछले 20 वर्षों से दैनिक जागरण, हिंदुस्तान व अमृत विचार में पत्रकार के रूप में कार्य करने के अलावा चार काव्य संग्रह प्रकाशित, आकाशवाणी रामपुर व अल्मोड़ा से विभिन्न रचनाओं का प्रसारण, हिंदी फिल्म "यंग बाइकर्स" के लिए गीत लेखन, पर्यटन विभाग के लिए बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "चंपावत एक धरोहर" की स्क्रिप्ट राइटिंग, कुमाऊनी फिल्म "फौजी बाबू", "पधानी लाली", रंगमंच के विभिन्न नाटकों में अभिनय, कुमाऊनी गीत "पहाड़ छोड़ दे" और "काली जींस" का लेखन व गायन, फिल्म राइटर्स एसोसिएशन मुंबई का सदस्य

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