
खबरों की दुनिया, हल्द्वानी/ द्वाराहाट (अल्मोड़ा)
विकास खण्ड द्वाराहाट के प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति इन दिनों बेहद चिंताजनक बनी हुई है। जुलाई माह शुरू हो चुका है, लेकिन अब तक न तो छात्रों को पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई गईं हैं और न ही गणवेश बाँटे गए हैं। ऐसे में पढ़ाई शुरू होने के बावजूद बच्चों की शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
अभिभावकों ने इस लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बच्चों को खाली हाथ स्कूल भेजना पड़ रहा है। बिना किताब और यूनिफॉर्म के वे क्या और कैसे पढ़ेंगे? कई विद्यालयों में शिक्षक बच्चों को केवल मौखिक रूप से समझाने व्यवस्था संभालने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संभव नहीं हो पा रही। वहीं स्थानीय लोगों और अभिभावकों का कहना है कि सरकार हर साल शिक्षा के क्षेत्र में करोड़ों का बजट देती है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर उसका लाभ बच्चों तक समय से नहीं पहुंच पा रहा है। इससे न सिर्फ बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि उनमें स्कूल को लेकर रुचि भी कम हो रही है।
प्रशासनिक लापरवाही या आपूर्ति में देरी?
इस मुद्दे पर जब स्थानीय शिक्षा अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। बताया जा रहा है कि किताबों और गणवेश की आपूर्ति में कुछ तकनीकी कारणों से देरी हो रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि हर साल यही समस्या क्यों होती है और उसका खामियाज़ा बच्चों को क्यों भुगतना पड़ता है? समय से पुस्तक क्यों उपलब्ध नहीं हो पातीं?
अभिभावकों ने दी आंदोलन की चेतावनी
जल्द ही समस्या का समाधान नहीं होने पर अभिभावकों ने विद्यालयों में धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि शिक्षा के अधिकार का यह सीधा हनन है और इसके लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए।





