खबरों की दुनिया, नैनीताल
ओखलकांडा क्षेत्र में शनिवार को एसटीएफ टीम पर हुई फायरिंग के मुख्य आरोपी यशोद सिंह मेहरा ने आखिरकार गुरुवार को जिला न्यायालय नैनीताल में सरेंडर कर दिया। घटना के बाद से एसटीएफ की कई टीमें उसकी तलाश में दबिश दे रही थीं, लेकिन आरोपी का खुलेआम शहर पहुंचकर अदालत में आत्मसमर्पण करना एजेंसी की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
फायरिंग में एसटीएफ कांस्टेबल भूपेंद्र मर्तोलिया गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिनकी हालत अब भी नाजुक बताई जा रही है। वहीं मुखबिर शेर सिंह भी गोली लगने से गंभीर रूप से घायल है। आरोप है कि दोनों को लगी गोलियां यशोद मेहरा की बंदूक से चली थीं।यशोद मेहरा पिछले लंबे समय से वन्य जीव अपराध व नशा तस्करी जैसे मामलों में वांछित चल रहा था। घटना के बाद उसके फरार होने पर एसटीएफ ने लगातार दबिशें दीं, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। मुख्य आरोपी के कोर्ट में स्वयं सरेंडर कर देने से एसटीएफ की प्लानिंग, इंटेलिजेंस और कार्रवाई की रणनीति पर अब सवाल उठने लगे हैं। अदालत ने आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है। एसटीएफ घटना में इस्तेमाल हथियार और पूरे घटनाक्रम की जांच में जुटी है।




