
खबरों की दुनिया, हल्द्वानी
उत्तराखंड हाई कोर्ट में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दिन हुए अपहरण व कानून व्यवस्था के मामले को गंभीरता से लेते हुए कानून व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई और एसएसपी के स्थानांतरण की बात कही। एसएसपी की ओर से कहा गया कि केस दर्ज कर लिया गया है। कुछ लोगों को नोटिस जारी किए गए है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिये अदालत से कुछ और समय मांगा।
यह मतदान में गड़बड़ी का मामला नहीं : हाईकोर्ट में महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर की ओर से कहा गया कि यह मतदान में गड़बड़ी का मामला नहीं है जबकि सिर्फ पुलिस लापरवाही का मामला है। इस पर कानून अपना काम करेगा। इसी बीच डीएम वंदना की ओर से कहा गया कि मतदान प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। निर्धारित प्रावधान के तहत मतगणना करने के बाद परिणाम को सील बंद लिफाफे में कोषागार में बंद कर दिया गया है। अदालत ने डीएम और एसएसपी को 24 घंटे में जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा। इस बीच अदालत ने बार बार साफ किया कि वह चुनाव के मामले में कोई सुनवाई नहीं करेगी। वह सिर्फ कानून व्यवस्था की स्थिति पर विचार करेगी। इससे अभी साफ कि नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष के परिणाम को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हो पायी है।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने वे सभी वीडियो देखे, जिनमें रेनकोट पहने लोग पांच सदस्यों को घसीटते हुए ले जा रहे हैं। इसके अलावा घटना के बाद कुछ युवकों द्वारा सोशल मीडिया पर ‘नैनीताल को हिला डाला’ शीर्षक से डाले गए वीडियो को भी देखा। जिस पर कोर्ट ने गहरी चिंता जताई। कोर्ट ने एसएसपी से यह भी कहा है कि यह एक प्रतिष्ठित पर्यटन स्थल है। यहां राज्य का उच्च न्यायालय भी स्थित है। अगर यहां के आमजन और पर्यटक सुरक्षित नहीं हैं तो आपकी कानून ब्यवस्था क्या है?। एसएसपी ने इन आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है।
बलपूर्वक ले जाए गए पांचों सदस्यों से नहीं की पूछताछ : जिला पंचायत अध्यक्ष नैनीताल के मतदान के दिन कथित तौर पर बलपूर्वक ले जाए गए जिला पंचायत के पांच सदस्यों को सोमवार को हाईकोर्ट में पेश किया गया लेकिन उनसे कोर्ट की तरफ से कोई पूछताछ नहीं हुई।
डीएम ने मतगणना को नियमानुसार बताया : जिलाधिकारी वन्दना ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश होकर 15 अगस्त की सुबह 3 बजे तक मतगणना किए जाने को नियमानुसार बताया। कहा कि मतगणना के बाद मतपत्र ट्रेजरी के लॉकर में रखे गए थे जिन्हें आज कोर्ट के समक्ष पेश किया गया है। कोर्ट ने जिलाधिकारी से भी इस मामले में शपथ पत्र मांगा है। वहीं, इस मामले में कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी के अधिवक्ताओं ने घोर आपत्ति जताई है।
कांग्रेस ने की उच्चस्तरीय जांच, पुनर्मतदान की मांग: दूसरी ओर, कांग्रेस प्रत्याशी की ओर से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया गया कि पुलिस की मौजूदगी में घटना को अंजाम दिया गया। कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के लोग एक दिन पहले 13 अगस्त को नैनीताल शहर में आ गए थे और होटल में रुके थे और पांच सदस्यों को अपने साथ ले गए। यह भी आरोप लगाया गया कि जिन लोगों के नाम इस प्रकरण में सामने आए हैं, उनके खिलाफ पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। रात तीन बजे मतगणना की गयी है जो कि गलत है। कांग्रेस की तरफ से पुनर्मतदान की मांग को लेकर याचिका दायर की गयी, जिस पर भी अदालत मंगलवार को ही सुनवाई करेगी।
इस पूरे मामले की टाइमलाइन
14 अगस्त को जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए नैनीताल जिला पंचायत कार्यालय में वोटिंग हुई उस समय बड़ा ड्रामा हो गया जब मतदान स्थल से पांच जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण की बात सामने आई. वोट देने जाते पंचायत सदस्य डिकर सिंह को कुछ लोग घसीटकर ले गए. पुलिस देखती रही. वीडियो वायरल हुआ.कांग्रेस विधायक-नेता हाई कोर्ट पहुंचे.प्रत्याशी पुष्पा नेगी ने आरोप लगाया कि पांचों को बीजेपी ने अगवा करवाया है. कोर्ट ने दिन में दो बार मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने चुप बैठे रहे पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। कोर्ट के आदेश के बाद नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना ने वोटिंग का समय 2 घंटे बढ़ाया। 27 में से 22 वोट ही पड़े।. बीजेपी प्रत्याशी दीपा दर्मवाल ने भी पुलिस में तहरीर दी कि पांचों को अपहरण खुद कांग्रेस ने ही करवाया है। इस घटना के बाद मामले में ट्विस्ट तब आया जब पांचों सदस्यों ने एक वीडियो जारी कर कहा वे मर्जी से घूमने गए थे।





