Happy Father’s Day

पिता क्या थे मेरे खातिर ,

मैं अक्सर भूल जाता हूँ |

मगर जब खुद पिता मैं हूँ,

खुदा उन्हें मैं पाता हूँ ||

मुझे लगता मेरी खातिर,

पिता कुछ कर नही पाए|

मगर जब खुद पिता मैं हूँ,

लगा जहां मुझपे लुटाया था||

✍️🏻हरीश उप्रेती “करन”

 

Harish Upreti Karan

पिछले 20 वर्षों से दैनिक जागरण, हिंदुस्तान व अमृत विचार में पत्रकार के रूप में कार्य करने के अलावा चार काव्य संग्रह प्रकाशित, आकाशवाणी रामपुर व अल्मोड़ा से विभिन्न रचनाओं का प्रसारण, हिंदी फिल्म "यंग बाइकर्स" के लिए गीत लेखन, पर्यटन विभाग के लिए बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "चंपावत एक धरोहर" की स्क्रिप्ट राइटिंग, कुमाऊनी फिल्म "फौजी बाबू", "पधानी लाली", रंगमंच के विभिन्न नाटकों में अभिनय, कुमाऊनी गीत "पहाड़ छोड़ दे" और "काली जींस" का लेखन व गायन, फिल्म राइटर्स एसोसिएशन मुंबई का सदस्य