कैंची धाम में आज उमड़ेगी श्रद्धा की गंगा

बंटेगा बाबा का प्रिय मालपुए का प्रसाद

खबरों की दुनिया, हल्द्वानी।

उत्तराखंड की सुरम्य वादियों में बसे नीम करोली बाबा के कैंची धाम में आज एक बार फिर श्रद्धा, भक्ति और सेवा का महाकुंभ सजने जा रहा है। हर साल 14 जून को आयोजित होने वाला यह मेला, धाम की स्थापना दिवस पर श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय आध्यात्मिक पर्व बन चुका है।

नैनीताल जिले के भवाली क्षेत्र में स्थित यह पावन धाम आज सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ से गुलजार है। देश ही नहीं, विदेशों से भी हजारों श्रद्धालु बाबा के दर्शन को पहुंचे हैं। मंदिर परिसर में ‘जय बाबा नीब करौरी’ के जयकारों से वातावरण गूंज उठा है। भक्तगण बाबा के चरणों में शीश नवाकर जीवन की शांति और कृपा की कामना कर रहे हैं। इस पावन अवसर पर विशेष आकर्षण का केंद्र है — मालपुए का प्रसाद, जिसे बाबा का अत्यंत प्रिय व्यंजन माना जाता है। वर्षों से चली आ रही इस परंपरा के अनुसार, मेले के दिन हर भक्त को यह प्रसाद वितरित किया जाता है। श्रद्धालु इसे केवल एक मिठाई नहीं, बल्कि बाबा का आशीर्वाद मानकर ग्रहण करते हैं।धाम में सुबह और शाम को विशेष आरतियों का आयोजन किया जा रहा है, जिनकी मंत्रमुग्ध कर देने वाली ध्वनि भक्तों को एक अलौकिक अनुभव दे रही है। बाबा को चढ़ाया गया कंबल, समर्पण और श्रद्धा का प्रतीक बन जाता है — एक ऐसा भाव जो हर भक्त को भीतर तक छू जाता है। कैंची धाम की ख्याति सीमाओं में नहीं बंधी। यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा ने विश्वभर के लोगों को आकर्षित किया है। एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग, भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली जैसी विश्वविख्यात हस्तियां भी यहां आकर बाबा के दर्शन कर चुकी हैं। यह गहराई से विश्वास किया जाता है कि बाबा के दर से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता। आज का दिन केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक उत्सव है — जहां सेवा, समर्पण और सौहार्द की त्रिवेणी बहती है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के व्यापक प्रबंध किए हैं। हर कोना श्रद्धा से सराबोर है, और हर चेहरा संतोष से दमक रहा है।कहते हैं — जब श्रद्धा सच्ची हो, तो मीलों दूर बसे बाबा भी निकट आ जाते हैं। कैंची धाम में आज वही एहसास हर भक्त के दिल में उतर रहा है।

 

 

 

Harish Upreti Karan

पिछले 20 वर्षों से दैनिक जागरण, हिंदुस्तान व अमृत विचार में पत्रकार के रूप में कार्य करने के अलावा चार काव्य संग्रह प्रकाशित, आकाशवाणी रामपुर व अल्मोड़ा से विभिन्न रचनाओं का प्रसारण, हिंदी फिल्म "यंग बाइकर्स" के लिए गीत लेखन, पर्यटन विभाग के लिए बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "चंपावत एक धरोहर" की स्क्रिप्ट राइटिंग, कुमाऊनी फिल्म "फौजी बाबू", "पधानी लाली", रंगमंच के विभिन्न नाटकों में अभिनय, कुमाऊनी गीत "पहाड़ छोड़ दे" और "काली जींस" का लेखन व गायन, फिल्म राइटर्स एसोसिएशन मुंबई का सदस्य