
खबरों की दुनिया, रामनगर
कॉर्बेट नेशनल पार्क की बाघिनें जहां पर्यटकों के लिए रोमांच का बड़ा आकर्षण हैं, वहीं पार्क से सटे जंगलों में उनका आ जाना ग्रामीणों और वनकर्मियों के लिए खतरे की घंटी साबित हो रहा है। टेढ़ा गांव के पास उस वक्त दिल थाम देने वाला नज़ारा देखने को मिला, जब गश्त पर निकले वनकर्मी अचानक एक बाघिन और उसके दो शावकों से आमने-सामने हो गए।
सांसें थमा देने वाला पल
वन दरोगा महेंद्र सिंह, वनकर्मी जय कंडारी और दो दैनिक श्रमिक रोजाना की तरह गश्त पर थे। जैसे ही वे कुलबन्दा नाले के पास पहुंचे, सामने से तीन बाघ नजर आए। मां बाघिन अपने शावकों के साथ बेहद आक्रामक मुद्रा में थी। कुछ पल के लिए सभी की सांसें थम गईं। लेकिन वनकर्मियों ने सूझबूझ और मुस्तैदी दिखाई। उन्होंने बिना देर किए नजदीकी पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई। यही नहीं, पेड़ पर छिपे-छिपे उन्होंने इस खौफनाक मंजर का वीडियो भी बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वन विभाग में हड़कंप
रेंज अधिकारी शेखर तिवारी ने बताया कि गश्त के दौरान अचानक बाघों का सामना हुआ। वनकर्मियों ने फौरन निर्णय लेते हुए पेड़ पर चढ़ना ही उचित समझा। हाल ही में हुए सर्वे में यह स्पष्ट हुआ है कि रामनगर वनप्रभाग में बाघों की संख्या बढ़ी है और यह संरक्षण प्रयासों की सफलता का नतीजा है।
विशेषज्ञ की राय
वन्यजीव विशेषज्ञ संजय छिम्वाल का कहना है—
बाघों की संख्या में वृद्धि जैव विविधता के स्वस्थ होने का संकेत है। यह खुशी की बात है, लेकिन इसके साथ मानव-वन्यजीव संघर्ष की संभावना भी बढ़ती है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर जागरूकता और सुरक्षा के उपाय बेहद जरूरी हैं।घटना के बाद उप प्रभागीय वनाधिकारी अंकित बडोला ने स्थल का निरीक्षण किया। रेंज अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में विशेष गश्त अभियान चल रहा है। गांवों में मुनादी कर ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे जंगलों में पशु चारा लेने न जाएं। साथ ही बाघों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त वनकर्मी भी तैनात किए गए हैं।




