खबरों की दुनिया, रुद्रपुर
विवाहिता पर प्राणघातक हमले के दोषी देवर को पांच साल कठोर कारावास और 25 हजार का अर्थदंड देने की सजा सुनाई गई। जबकि पति को दोष मुक्त करार दिया है। पक्षों की जिरह सुनने के बाद प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाया है।
एडीजीसी दांडिक दीपक कुमार अरोरा ने बताया कि 16 जून 2021 को गांव मढैया माधो टांडा पीलीभीत के रहने वाले अजीत राय ने मुकदमा दर्ज करवाते हुए बताया था कि चार साल पहले उसकी बहन शिखा विश्वास का विवाह सेमलपुरा बंगाली कॉलोनी शहदौरा किच्छा निवासी हरिदास विश्वास के साथ हुआ था। शादी के बाद बहन की दो बेटियां हुईं। इस दौरान बहन के ससुराली बाइक लाने और पुश्तैनी जमीन बेचने का दवाब बनाते रहे। इंकार करने पर विवाहिता को शारीरिक व मानसिक यातनाएं देने लगे। 15 जून 2021 को ससुरालियों के सामने बहन को बेरहमी से पीटा गया। पति हरिदास के कहने पर भाई हरिमोहन ने उसकी बहन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। बचाव के दौरान विवाहिता का हाथ जख्मी हो गया और मुश्किल से उसकी जान बची। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। प्रकरण की सुनवाई प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आशुतोष कुमार मिश्रा की अदालत में हुई। जहां एडीजीसी ने सात गवाह पेश किए। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने 307 के दोषी देवर हरिमोहन को पांच साल कठोर कारावास और 25 हजार का अर्थदंड देने की सजा सुनाई। जबकि पति हरिदास को बरी कर दिया।




