लेवड़ा नदी में आई बाढ़ से काॅलोनियां जलमग्न, एक बच्चे की मौत, दर्जनों परिवार प्रभावित

एनडीआरएफ व एसडीआरएफ ने इंद्रा कॉलोनी में 10 लोगों को किया रेस्क्यू

प्रशासन ने बाढ़ प्रभावितों को राहत पहुंचाई, लोगों में भारी आक्रोश

बाढ़ के पानी में डूबी कॉलोनी

खबरों की दुनिया, हल्द्वानी/बाजपुर 

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही मूसलधार बारिश ने तराई क्षेत्र में भी कहर बरपा दिया है। लेवड़ा नदी में आई बाढ़ के चलते इंद्रा कॉलोनी, चकरपुर, गुमसानी, खमरिया, लखनपुर, टांडा खुशालपुर, मुडिया पिस्तोर देहात आदि क्षेत्रों में जलभराव हो गया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

रविवार सुबह हुई तेज बारिश के कारण नदी-नालों का जलस्तर अचानक बढ़ गया। लेवड़ा, गड़प्पू और गड़री नदियां उफान पर आ गईं। लेवड़ा नदी का पानी बेरिया रोड पर नदी की तरह बहने लगा, वहीं नैनीताल-बाजपुर स्टेट हाईवे का करीब दो किलोमीटर हिस्सा जलमग्न हो गया, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। इंद्रा कॉलोनी में बाढ़ का पानी घुसने से घरों में तबाही मच गई। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें मौके पर भेजी, जिन्होंने करीब 10 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। ग्राम जवरान और झांडखंडी में दावका नाले का पानी घरों में घुस गया, जिससे दो कच्चे मकान गिर गए। बाढ़ के साथ सांप और अन्य जीव भी बहकर आए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई है। अभी तक एक बच्चे की मृत्यु बाढ़ के पानी में बहने से हो चुकी है।

प्रशासन ने की राहत व्यवस्था

प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों को भोजन व राहत सामग्री वितरित की जा रही है। एडीएम पंकज उपाध्याय, एसडीएम डॉ. अमृता शर्मा और तहसीलदार अक्षय कुमार भट्ट स्वयं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे हैं। प्रशासन ने सभी बाढ़ सुरक्षा चौकियों को सतर्क रहने और लोगों को सजग रहने की अपील की है। सिंचाई विभाग को भी समय-समय पर सफाई व नदियों के जल स्तर पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

लेवड़ा नदी के लिए स्थाई समाधान की योजना

एडीएम पंकज उपाध्याय ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर लेवड़ा नदी पर दो नए पुलों की स्वीकृति मिल चुकी है, जिन पर तीन करोड़ रुपये की लागत से निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा सिंचाई विभाग द्वारा 22 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है, जिसके अंतर्गत 16 मीटर चौड़ी लेवड़ा नदी को पक्का किया जाएगा। एसडीएम डॉ. अमृता शर्मा ने बताया कि पूर्व में चिन्हित स्थानों की सफाई जून माह में की गई थी, जिससे कई इलाकों को जलभराव से बचाया जा सका। हालांकि इंद्रा कॉलोनी में फिर पानी घुसा, जहां राहत और रेस्क्यू कार्य जारी है।

दुकानदारों को भारी नुकसान

बाढ़ का पानी दर्जनों घरों और दुकानों में घुस गया, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। प्रभावितों में ओमकार, मुनेष देवी, गीता, महिमा, लक्ष्मी, पप्पू चन्द्रा, राजीव चन्द्रा, बृजेश कश्यप, अजय मौर्य, संजय कुमार, सुलेमान, रोशनी, लालता प्रसाद, रेखा, सीता सैनी, सुमित, रतन लाल, प्रेम शंकर, विनोद कश्यप, संजीव, बलजीत कौर आदि शामिल हैं।

लोगों का आक्रोश, रोड जाम कर किया प्रदर्शन

इंद्रा कॉलोनी के लोगों ने लेवड़ा पुल के पास बैरिया रोड पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि हर साल प्रशासन व नेता समाधान का आश्वासन देते हैं, लेकिन बाढ़ से बचाव का कोई स्थाई उपाय नहीं किया जाता, जिससे हर बार लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है। प्रदर्शन की सूचना पर कोतवाल प्रवीण कोश्यारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया। प्रदर्शन में एडवोकेट सुमित कुमार, जितेंद्र चंद्रा, राजीव चंद्रा, लालता प्रसाद, विपिन, राजेश, मनोज, अजय समेत कई स्थानीय लोग शामिल रहे। प्रशासन द्वारा लगातार राहत कार्य जारी है। जनता से अपील है कि मौसम अनुकूल न होने तक सावधानी बरतें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

Harish Upreti Karan

पिछले 20 वर्षों से दैनिक जागरण, हिंदुस्तान व अमृत विचार में पत्रकार के रूप में कार्य करने के अलावा चार काव्य संग्रह प्रकाशित, आकाशवाणी रामपुर व अल्मोड़ा से विभिन्न रचनाओं का प्रसारण, हिंदी फिल्म "यंग बाइकर्स" के लिए गीत लेखन, पर्यटन विभाग के लिए बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "चंपावत एक धरोहर" की स्क्रिप्ट राइटिंग, कुमाऊनी फिल्म "फौजी बाबू", "पधानी लाली", रंगमंच के विभिन्न नाटकों में अभिनय, कुमाऊनी गीत "पहाड़ छोड़ दे" और "काली जींस" का लेखन व गायन, फिल्म राइटर्स एसोसिएशन मुंबई का सदस्य

सम्बंधित खबरें