
खबरों की दुनिया, हल्द्वानी
दिल्ली में हुए हालिया धमाकों की जांच तेजी से कई राज्यों और शहरों तक फैलती जा रही है। जांच एजेंसियों को मिले शुरुआती तकनीकी सुरागों ने उन्हें उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र तक पहुंचा दिया है, जिसके बाद हल्द्वानी और नैनीताल दोनों शहरों में सुरक्षा एजेंसियों और स्थानीय पुलिस की गतिविधियाँ अचानक तेज हो गई हैं। बीती रात से लेकर अब तक हुई कार्रवाई ने इन क्षेत्रों के संवेदनशील इलाकों में हलचल पैदा कर दी है।
शुक्रवार देर रात लगभग ढाई बजे दिल्ली से आई जांच एजेंसियों और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर हल्द्वानी के घनी आबादी वाले और संवेदनशील माने जाने वाले बनभूलपुरा इलाके में पहुंची। यह संयुक्त टीम अचानक क्षेत्र के बिलाली मस्जिद की ओर बढ़ी, जहां बताया जाता है कि दिल्ली ब्लास्ट के मुख्य संदिग्ध उमर के कॉल डिटेल्स से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण संपर्क मिलने की संभावना जताई गई थी।
सूत्रों के अनुसार, कॉल रिकॉर्ड की जांच में दिल्ली पुलिस को ऐसे संकेत मिले थे कि उमर के मोबाइल नंबर की गतिविधियाँ किसी तरह बनभूलपुरा क्षेत्र से जुड़ सकती हैं। इसी आधार पर कार्रवाई करते हुए टीम ने गहन तलाशी ली और बिलाली मस्जिद के इमाम को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए सीधे दिल्ली ले जाया गया।
आधी रात के इस अचानक अभियान ने क्षेत्र में रह रहे लोगों को चौंका दिया। जब सड़कों पर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया और तमाम गलियों में सुरक्षा एजेंसियाँ घूमती दिखाई दीं, तो लोगों में स्वाभाविक रूप से चिंता और आशंका फैल गई।
सुबह से इलाके में भारी पुलिस बल की मौजूदगी
कार्रवाई के बाद बनभूलपुरा क्षेत्र में सुबह होते-होते स्थानीय पुलिस के उच्च अधिकारी भी पहुंचने लगे। एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल, सीओ लालकुआँ दीपशिखा अग्रवाल सहित लालकुआँ, कालाढूंगी, हल्द्वानी, मुखानी और काठगोदाम थानों का पुलिस बल इलाके में तैनात कर दिया गया। स्थिति की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने बिलाली मस्जिद और उससे सटे इमाम के आवास को सुरक्षा घेरे में ले लिया। पूरे क्षेत्र में किसी भी तरह की अफवाह या असामाजिक गतिविधि को रोकने के लिए पुलिस को सतर्क कर दिया गया। एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी कि दिल्ली पुलिस क्षेत्र में एक विशेष ऑपरेशन को अंजाम दे रही थी और इसी कारण स्थानीय पुलिस को एहतियात के तौर पर सुरक्षा बढ़ानी पड़ी।
जांच की लपटें अब नैनीताल तक पहुँचीं
हल्द्वानी में कार्रवाई होने के कुछ ही घंटे बाद दिल्ली धमाके की जांच नैनीताल तक भी पहुंच गई। शनिवार देर शाम जांच एजेंसी, दिल्ली पुलिस की विशेष इकाइयों तथा अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों की संयुक्त टीमों ने नैनीताल शहर में कई स्थानों पर गुप्त रूप से छापेमारी की। इससे स्थानीय लोगों में अचानक हलचल बढ़ गई।
सबसे महत्वपूर्ण छापेमारी तल्लीताल क्षेत्र के हरीनगर वार्ड में की गई, जहां स्थित एक मस्जिद के इमाम मौलाना मोहम्मद नईम से टीमों ने करीब तीन घंटे तक विस्तृत पूछताछ की। बताया जा रहा है कि यह पूछताछ हल्द्वानी में पकड़े गए दो संदिग्धों की जानकारी के आधार पर की गई, जिसमें नैनीताल का किसी रूप में उल्लेख सामने आया था।
जांच एजेंसियों का फोकस-संदिग्ध संपर्क और गतिविधियाँ
एजेंसियों का प्राथमिक उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या दिल्ली धमाके में शामिल किसी भी संदिग्ध का नैनीताल या आसपास के इलाकों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध था। इसके लिए वे मोबाइल लोकेशन, सोशल मीडिया गतिविधियों, वित्तीय लेनदेन और आपसी संपर्कों की गहन जांच कर रहे हैं। पूछताछ के दौरान स्थानीय पुलिस भी एनआईए और दिल्ली पुलिस की टीमों के साथ मौजूद रही। शहर में अचानक छापेमार टीमों की उपस्थिति ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा, हालांकि पुलिस ने स्थिति शांत रखने के लिए पूरे प्रयास किए।
नैनीताल में बढ़ाई गई सुरक्षा-चेकिंग अभियान तेज
संवेदनशीलता बढ़ने के बाद नैनीताल पुलिस ने शहर के सभी महत्वपूर्ण प्रवेश मार्गों पर नाकेबंदी और चेकिंग अभियान सख्ती के साथ शुरू कर दिया है। पहाड़ी रास्तों, मुख्य बस स्टैंड, पर्यटक स्थलों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पुलिस ने निगरानी बढ़ा दी है। वाहनों की तलाशी, संदिग्ध व्यक्तियों का सत्यापन, होटल गेस्ट लिस्ट का निरीक्षण और किरायेदारों की पहचान की पुनः जांच सहित कई कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस अधिकारी लगातार जनता से अपील कर रहे हैं कि किसी भी तरह की असामान्य गतिविधि या अजनबी व्यक्ति के व्यवहार पर तुरंत पुलिस को सूचना दें।
दिल्ली धमाकों की जांच तेजी से आगे
दिल्ली में हुए धमाकों को लेकर जांच पहले से ही पूरे देश में फैल रही थी, लेकिन उत्तराखंड में आए इन नए सुरागों ने एजेंसियों का ध्यान यहां केंद्रित कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि हल्द्वानी और नैनीताल में हुई कार्रवाइयाँ इस व्यापक जांच के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। एजेंसियाँ इस समय सभी संभावित कड़ियों को जोड़ने में जुटी हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि धमाके में शामिल लोगों ने किन-किन स्थानों से संपर्क किया, कहाँ-कहाँ यात्रा की और किस-किसकी मदद ली।


