बोतल में पटाखों के मसाला जलाने से बच्चे का उड़ा हाथ

हायर सेंटर रेफर, दो अन्य बच्चे भी घायल

खबरों की दुनिया, हल्द्वानी/रामनगर
पटाखों का मसाला बोतल में जलाने के दौरान विस्फोट होने से एक नौ वर्षीय बालक गंभीर रूप से घायल हो गया जब कि उसके साथ के दो बच्चे भी आंशिक रूप से घायल हुए है।
बताया जाता है कि कानियां गांव में रविवार की शाम गांव के चार बच्चे पटाखों के बचे हुए मसालों को इकट्ठा कर खेल-खेल में बोतल में भर रहे थे,बताया जा रहा है कि बच्चे बाजार में फूटे या आधे जले पटाखों से निकला बारूद जैसी सामग्री इकट्ठा कर उसे बोतल में दबा रहे थे और बोतल में भरकर उसमे मार्चिंस लगा रहे थे तभी अचानक तेज धमाका हो गया।
धमाका इतना जोरदार था कि पास में खड़े बच्चों में से एक मोहन रौतेला उम्र 9 वर्ष पुत्र नंदन सिंह रौतेला, निवासी कानियां, गंभीर रूप से घायल हो गया, विस्फोट के कारण मोहन का एक हाथ कलाई से नीचे पूरी तरह से उड़ गया और क्षतिग्रस्त हो गया,वहीं उसके साथी मनीष सैनी और भानु सैनी को भी हल्की चोटें आई हैं।
धमाके के बाद ग्रामीण मौके पर दौड़े और तुरंत बच्चों को राम दत्त संयुक्त चिकित्सालय रामनगर ले जाया गया,डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से घायल मोहन रौतेला को हायर सेंटर उच्च चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया,जबकि अन्य दोनों बच्चों का इलाज रामनगर अस्पताल में जारी है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि अक्सर बच्चे पटाखों के बारूद से खेलने की कोशिश करते हैं, जो बेहद खतरनाक होता है,उन्होंने प्रशासन से अपील की कि पटाखा दुकानों पर सख्त निगरानी रखी जाए और ऐसे पटाखे न बेचे जाएं जिनसे बारूद इकट्ठा करना आसान हो। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, मोहन छठी कक्षा में पढ़ता है और अपने दोस्तों के साथ घर के पास खेल रहा था। परिजन अभी भी सदमे में हैं और बच्चे की हालत नाजुक बताई जा रही है
प्रशासन ने किया जांच के आदेश: घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि बच्चों को पटाखों का मसाला कहां से मिला। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और साथ ही अभिभावकों से अपील की गई है कि वे बच्चों को पटाखों और बारूद जैसी वस्तुओं से दूर रखें।
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Harish Upreti Karan

पिछले 20 वर्षों से दैनिक जागरण, हिंदुस्तान व अमृत विचार में पत्रकार के रूप में कार्य करने के अलावा चार काव्य संग्रह प्रकाशित, आकाशवाणी रामपुर व अल्मोड़ा से विभिन्न रचनाओं का प्रसारण, हिंदी फिल्म "यंग बाइकर्स" के लिए गीत लेखन, पर्यटन विभाग के लिए बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "चंपावत एक धरोहर" की स्क्रिप्ट राइटिंग, कुमाऊनी फिल्म "फौजी बाबू", "पधानी लाली", रंगमंच के विभिन्न नाटकों में अभिनय, कुमाऊनी गीत "पहाड़ छोड़ दे" और "काली जींस" का लेखन व गायन, फिल्म राइटर्स एसोसिएशन मुंबई का सदस्य

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