मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पैतृक गांव में की धान की रोपाई

बैलों से खेत में जुताई की, पटेला भी लगाया

खबरों की दुनिया, हल्द्वानी/खटीमा

नगरा तराई स्थित अपने आवास पर पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार सुबह धान के खेतों में उतरकर श्रमिकों के साथ धान की रोपाई की। उन्होंने बैलों से खेत की जुताई की और पटेला लगाया। इस दौरान ग्रामीण महिलाओं ने पारंपरिक ‘हुड़किया बौल’ की प्रस्तुति कर भूमि, इंद्र और मेघराज की वंदना की। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि किसान न केवल देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और जीवन मूल्यों के भी संवाहक हैं। उनकी मेहनत, उनका संकल्प और प्रकृति से उनका जुड़ाव हमें आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाता है। उन्होंने कहा कि आज उनके लिए भावुक और प्रेरणास्पद रहा क्योंकि उन्हें अपने बचपन के पुराने दिनों की यादें ताज़ा हो गई। रोपाई के अवसर पर ग्रामीण महिलाओं ने पारंपरिक ‘हुड़किया बौल’ की प्रस्तुति दी। जिसमें भूमि के देवता भूमिया देव, जल के देवता इंद्र देव और मेघराज बादलों की वंदना की गई। इस लोकगीत के माध्यम से महिलाओं ने अच्छी फसल, समय पर वर्षा और कृषि समृद्धि की कामना की। सीएम धामी ने स्थानीय किसानों के साथ संवाद भी किया। उन्होंने ग्रामीणों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों की बेहतरी और कृषि विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने पारंपरिक खेती को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

Harish Upreti Karan

पिछले 20 वर्षों से दैनिक जागरण, हिंदुस्तान व अमृत विचार में पत्रकार के रूप में कार्य करने के अलावा चार काव्य संग्रह प्रकाशित, आकाशवाणी रामपुर व अल्मोड़ा से विभिन्न रचनाओं का प्रसारण, हिंदी फिल्म "यंग बाइकर्स" के लिए गीत लेखन, पर्यटन विभाग के लिए बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "चंपावत एक धरोहर" की स्क्रिप्ट राइटिंग, कुमाऊनी फिल्म "फौजी बाबू", "पधानी लाली", रंगमंच के विभिन्न नाटकों में अभिनय, कुमाऊनी गीत "पहाड़ छोड़ दे" और "काली जींस" का लेखन व गायन, फिल्म राइटर्स एसोसिएशन मुंबई का सदस्य

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