
खबरों की दुनिया, देहरादून
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्रों के आंदोलन पर सोमवार को भावपूर्ण संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि अलग राज्य का सपना हमारे शहीदों और आंदोलनकारियों ने इसलिए साकार किया था, ताकि उत्तराखंड के हर बेटे-बेटी का जीवन बेहतर हो और किसी का अहित न हो। आज जब हमारे कुछ बच्चे सड़कों पर हैं, तो मैं उन्हें यही कहना चाहता हूं कि वे भी हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का मुख्य सेवक होने के नाते हर आवाज़ को सुनना, हर पीड़ा को समझना और हर दिल तक पहुंचना उनका दायित्व है। उन्होंने कहा कि आंदोलन कर रहे युवा भी हमारे अपने हैं, इसलिए हमारी सरकार वर्ष 2023 में देश का सबसे पहला सख्त नकल-विरोधी कानून लेकर आई। परंतु, जैसा हमेशा होता रहा है, कुछ लोग कानून का उल्लंघन करते हैं। ऐसे हाकमो और उनके हाकिमों को इस बार ऐसा सबक सिखाया जाएगा, जिसे वे कभी नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने छात्रों को आश्वस्त किया कि सरकार के मन में किसी के प्रति भेदभाव या मनभेद की भावना नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा “हम सब एक परिवार हैं और परिवार का उद्देश्य सभी सदस्यों का कल्याण होता है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि संवाद और विश्वास की राह पर आगे बढ़ें। हम मिलकर उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने ‘विकल्प रहित संकल्प’ को पूर्ण करेंगे।






