
खबरों की दुनिया, रामनगर
रामनगर के पूछड़ी क्षेत्र में आरक्षित वन भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर रविवार तड़के ही बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी गई।
वन विभाग और पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीम ने कड़ी सुरक्षा के बीच 52 अवैध मकानों के ढांचों को ध्वस्त कर दिया। पूरे अभियान के दौरान क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात रहा और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रही। मौके पर मौजूद एडीएम विवेक राय ने बताया कि यह कार्रवाई पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई। उन्होंने कहा कि सभी अतिक्रमणकारियों को पहले ही नोटिस जारी किए गए थे। उन्हें अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया गया और पूर्ण सुनवाई के बाद ही निष्कासन की कार्रवाई की गई। तराई पश्चिम रामनगर के डीएफओ प्रकाश आर्य ने बताया कि अपर कोसी ब्लॉक क्षेत्र में कुल 170 परिवारों को बेदखली के आदेश जारी किए गए थे। प्रशासन ने नगर पालिका की एक हेक्टेयर भूमि भी अतिक्रमण मुक्त कर उसे नगर पालिका के सुपुर्द किया। रविवार की धूप पूरी तरह से खिलने से पहले ही अतिक्रमण हटाने की पूरी कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गई। किसी प्रकार का तनाव बना और न ही शांति भंग की कोई घटना हुई। एडीएम विवेक राय ने कहा कि अधिकांश लोग पहले से ही तैयार थे। क्योंकि उन्हें पूर्व में सूचना दी जा चुकी थी। जिनके स्ट्रक्चर हटाए गए, उनमें से कई लोग पहले ही अपना सामान सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर चुके थे। प्रशाशन ने रामनगर के भवानी गंज से पूछड़ी को जाने वाले रास्ते पर दुपहिया और चार पहिया वाहनों के आवागमन पर सुबह से ही रोक लगा दी थीं।
बता दे कि प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को 9 सेक्टरों में बांटा था, जहां अलग-अलग सेक्टर मजिस्ट्रेट और कार्यपालक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई। आउट एरिया में एक सुपर जोन बनाया गया था और पूरे अभियान की ओवरऑल लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी एक एडीएम स्तर के अधिकारी को सौंपी गई थी। पुलिस की पर्याप्त तैनाती के कारण किसी भी तरह की कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। पूरे अभियान के दौरान ड्रोन कैमरों और वीडियोग्राफी के जरिए निगरानी की गई।
170 परिवारों को बेदखली के आदेश
तराई पश्चिम रामनगर के डीएफओ प्रकाश आर्य ने बताया कि अपर कोसी ब्लॉक क्षेत्र में कुल 170 परिवारों को बेदखली के आदेश जारी किए गए थे। इनमें से कई परिवार पहले ही स्वेच्छा से अपना कब्जा छोड़ चुके हैं। शेष में कुछ परिवारों के मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। जिन पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई है। केवल 52 परिवारों के अवैध स्ट्रक्चर को हटाया गया है। इंसेट: मीडिया कर्मियों ने जताया रोष : अतिक्रमण के खिलाफ चल रहे अभियान की कवरेज करने के लिए रोके जाने पर मीडिया कर्मियों ने रोष जताया। पुलिस कर्मियों द्वारा मीडिया कर्मियों को रोके जाने पर पत्रकार भवानी गंज पर धरने पर बैठ गए। उनका आरोप था कि एक दिन पूर्व ब्रीफिंग के दौरान प्रशासन ने मीडिया कर्मियों के संदर्भ में रोक की बात नहीं की थी। लेकिन अचानक उन्हें रोके जाना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का यह अपमान है। बाद में पुलिस क्षेत्राधिकारी अमित पांडे और कोतवाल सुशील कुमार से वार्ता के बाद पत्रकारों ने धरना समाप्त कर दिया। हालांकि बाद मीडिया कर्मी घटनास्थल पर पहुंचकर कवरेज करते देखे गए।






