पिथौरागढ़ के भूपेंद्र का निकला टांडा जंगल में मिला शव

हत्या कर शव टांडा जंगल में दिया था फेंक

खबरों की दुनिया, हल्द्वानी

सोमवार की दोपहर को थाना पंतनगर इलाके के टांडा जंगल में मिला अज्ञात युवक के शव की शिनाख्त पिथौरागढ़ के भूपेंद्र सिंह चुफाल के रूप में हुई है। जिसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा कर मृतक की बहन के हवाले कर दिया है।

गौरतलब है कि सोमवार की दोपहर को रुद्रपुर-हल्द्वानी हाईवे के टांडा जंगल स्थित डिमरी ब्लॉक-19 के बाईं तरफ हाईवे से 200 मीटर दूर एक युवक का शव चादर से ढका हुआ बरामद हुआ था। प्रारंभिक पड़ताल में ही पुलिस ने घटना को हत्याकांड मान लिया था। कारण मृतक की आंख के नीचे चोट के निशान और गले पर रस्सी का निशान बना हुआ था। युवक की गला दबाकर मौत होने की पुष्टि पुलिस भी कर चुकी थी, लेकिन मृतक की शिनाख्त करना थाना पंतनगर पुलिस के लिए चुनौती थी। जिसको लेकर पुलिस ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और कुमाऊं के सभी थाना-चौकी के अलावा सोशल मीडिया पर मृतक की फोटो वायरल कर दी। जब फोटो को मृतक की बहन हेमा रौतेला ने देखा तो उसने फौरन थाना पंतनगर पुलिस से संपर्क किया और मंगलवार की सुबह पोस्टमार्टम आकर युवक की शिनाख्त अपने भाई 28 वर्षीय भूपेंद्र सिंह चुफाल निवासी मूर्ति नापड़ थाना थल, पिथौरागढ़ के रूप में की। बताया कि उसका भाई एक माह से दिल्ली स्थित रिटायर्ड लेफ्टिनेंट के घर पर काम करता था। वह 6 जुलाई को पैतृक घर के लिए निकला था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को बहन के सुपुर्द कर दिया। भूपेंद्र सिंह चुफाल की जेब से सिंगापुर के 10, 20 और 50 के सिक्के भी मिलने की बात सामने आई है। साथ ही मिल्टन का थर्मस, दो जोड़ी मोजे भी घटनास्थल से बरामद हुए थे। वहीं मामले में एसएसपी, ऊधमसिंह नगर मणिकांत मिश्रा का कहना है कि भूपेंद्र हत्याकांड में थाना पंतनगर ने युवक की शिनाख्त कर ली है। साथ ही प्रारंभिक पड़ताल में कई अहम सुराग भी हाथ लगे हैं। मृतक की शिनाख्त भूपेंद्र की बहन ने की है। हत्याकांड के खुलासे के लिए एसओजी और पुलिस की दो टीमें बनाई गई है। जल्द ही हत्याकांड का पर्दाफाश किया जाएगा।

काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर उतरा था भूपेंद्र

भूपेंद्र हत्याकांड प्रकरण में मृतक की बहन हेमा रौतेला ने पुलिस को बताया कि उसका भाई शनिवार की शाम को दिल्ली-काठगोदाम ट्रेन से निकला था। रविवार की सुबह हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पहुंचा। उसी वक्त भाई से फोन पर वार्ता की और उसके बाद से ही फोन स्वीच आने लगा, लेकिन इस बात का इल्म नहीं था कि भाई की गला दबाकर हत्या कर दी होगी।

 

 

 

Harish Upreti Karan

पिछले 20 वर्षों से दैनिक जागरण, हिंदुस्तान व अमृत विचार में पत्रकार के रूप में कार्य करने के अलावा चार काव्य संग्रह प्रकाशित, आकाशवाणी रामपुर व अल्मोड़ा से विभिन्न रचनाओं का प्रसारण, हिंदी फिल्म "यंग बाइकर्स" के लिए गीत लेखन, पर्यटन विभाग के लिए बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "चंपावत एक धरोहर" की स्क्रिप्ट राइटिंग, कुमाऊनी फिल्म "फौजी बाबू", "पधानी लाली", रंगमंच के विभिन्न नाटकों में अभिनय, कुमाऊनी गीत "पहाड़ छोड़ दे" और "काली जींस" का लेखन व गायन, फिल्म राइटर्स एसोसिएशन मुंबई का सदस्य

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