
-कोरंगा को उठाने के बाद पीयूष जोशी व विनोद कांडपाल ने आमरण अनशन शुरू किया
-पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की, एक युवती के कपड़े फटे, कई के मोबाइल व चश्मे टूटे
खबरों की दुनिया, हल्द्वानी
यूकेएसएसएससी पेपर लीक की सीबीआई जांच और परीक्षा निरस्त कर दोबारा कराने की मांग को लेकर बुद्ध पार्क में चार दिन से भूख हड़ताल पर बैठे भूपेंद्र कोरंगा को सोमवार देर शाम पुलिस ने जबरन उठा लिया। भारी विरोध और खींचतान के बीच पुलिस ने उन्हें एंबुलेंस से सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया। इससे आक्रोशित युवाओं ने पुलिस पर आंदोलन तोड़ने की साजिश रचने का आरोप लगाया। कोरंगा को हटाने के बाद मंच के संयोजक पीयूष जोशी और विनोद कांडपाल आमरण अनशन पर बैठ गए। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक सीबीआई जांच की संस्तुति और परीक्षा निरस्त कर दोबारा कराने की घोषणा नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।
भारी पुलिस बल और झड़पें
सुबह सीओ नितिन लोहनी और सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और युवाओं को समझाने की कोशिश की। लेकिन वे मांगों पर अड़े रहे। पुलिस ने स्वास्थ्य बिगड़ने का हवाला देकर कोरंगा को भर्ती कराने का निर्णय लिया। युवाओं ने कोरंगा के चारों ओर घेरा बना लिया। पुलिस-प्रदर्शनकारियों में धक्का-मुक्की और खींचतान हुई। आखिरकार पुलिस ने घेरे को तोड़कर कोरंगा को उठा लिया।
“आंदोलन दबाने की साजिश”
आंदोलनकारियों ने कहा कि यदि कोरंगा की तबीयत बिगड़ रही थी तो पार्क में भी चिकित्सकों की देखभाल हो सकती थी। जबरन उठाकर ले जाना आंदोलन कुचलने की साजिश है।
खींचतान में फटे कपड़े
पुलिस की कार्रवाई में एक युवती के कपड़े फट गए और हाथ पर चोट लगी। उसने आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बावजूद पुलिस ने बर्बरता दिखाई। पीड़िता ने पुलिस के खिलाफ तहरीर दी है।
“स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के आधार पर भूपेंद्र कोरंगा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाकी युवाओं का आंदोलन जारी है।”— नितिन लोहनी, सीओ हल्द्वानी





