बनभूलपुरा रेलवे भूमि मामला: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली, अब 16 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

खबरों की दुनिया, हल्द्वानी

हल्द्वानी के चर्चित बनभूलपुरा रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में निर्धारित सुनवाई एक बार फिर टल गई। अब इस संवेदनशील और बड़े पैमाने पर प्रभावित करने वाले मामले की अगली तारीख 16 दिसंबर तय की गई है। इस बीच स्थानीय लोगों, प्रशासन और रेलवे सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।

क्या है मामला: बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे लाइन से सटे लगभग 29 हेक्टेयर क्षेत्रफल की भूमि पर रेलवे ने अपना स्वामित्व बताया है। रेलवे का दावा है कि इस जमीन पर वर्षों में अवैध निर्माण हुए हैं और बड़ी संख्या में लोग बिना अधिकार के बसे हुए हैं। दूसरी ओर, स्थानीय निवासियों का पक्ष इससे बिल्कुल उलट है। उनका कहना है कि वे 40 से 50 वर्षों से यहां रह रहे हैं, घर-परिवार बसाए हैं और इलाके में बिजली, पानी सहित कई सरकारी सुविधाएं भी मिलती रही हैं—जिससे यह साबित होता है कि वे अचानक “अतिक्रमणकारी” नहीं कहे जा सकते। साल 2022 में हल्द्वानी निवासी रविशंकर जोशी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें रेलवे भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराने की मांग उठाई गई। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए रेलवे व प्रशासन को जमीन को अतिक्रमणमुक्त करने के निर्देश जारी किए। हाईकोर्ट के इस आदेश से प्रभावित हजारों परिवारों ने इसे अपने अस्तित्व का मामला बताया और फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने तब फिलहाल किसी भी प्रकार की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार व रेलवे से विस्तृत जवाब माँगा था।

आज की सुनवाई क्यों टली?

कानूनी प्रक्रिया से जुड़ी तकनीकी वजहों और दस्तावेजों के अद्यतन को ध्यान में रखते हुए आज की सुनवाई अदालत ने स्थगित कर दी। अब सभी पक्षों को 16 दिसंबर को अपनी दलीलें रखने का अवसर मिलेगा।

स्थानीय लोगों में चिंता, प्रशासन में सतर्कता

सुनवाई टलने से स्थानीय निवासियों के बीच एक बार फिर अनिश्चितता बढ़ गई है। लोग आशा लगाए हैं कि सुप्रीम कोर्ट उनके दीर्घकालिक निवास अधिकारों पर संवेदनशील निर्णय देगा। उधर प्रशासन और रेलवे अगली तारीख के लिए आवश्यक तैयारियाँ कर रहे हैं। अब 16 दिसंबर की सुनवाई इस पूरे मामले के भविष्य को निर्धारित करने में अहम साबित होगी। क्या उच्चतम न्यायालय हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखेगा, या प्रभावित परिवारों को राहत देगा इस पर पूरे हल्द्वानी की नज़र टिकी हुई है।

 

 

Harish Upreti Karan

पिछले 20 वर्षों से दैनिक जागरण, हिंदुस्तान व अमृत विचार में पत्रकार के रूप में कार्य करने के अलावा चार काव्य संग्रह प्रकाशित, आकाशवाणी रामपुर व अल्मोड़ा से विभिन्न रचनाओं का प्रसारण, हिंदी फिल्म "यंग बाइकर्स" के लिए गीत लेखन, पर्यटन विभाग के लिए बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "चंपावत एक धरोहर" की स्क्रिप्ट राइटिंग, कुमाऊनी फिल्म "फौजी बाबू", "पधानी लाली", रंगमंच के विभिन्न नाटकों में अभिनय, कुमाऊनी गीत "पहाड़ छोड़ दे" और "काली जींस" का लेखन व गायन, फिल्म राइटर्स एसोसिएशन मुंबई का सदस्य

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