डेढ़ साल बाद बेटे को देख झूम उठे मां-बाप, आंसुओं से कहा – “थैंक्यू ऊधमसिंह नगर पुलिस”

– हरियाणा के बाल आश्रम से मिला रुद्रपुर का लापता बेटा

-एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम को सलाम

खबरों की दुनिया, हल्द्वानी

जिस बेटे की एक झलक देखने को मां-बाप की आंखें हर रोज दरवाजे की ओर टिक जाती थीं, वो बेटा डेढ़ साल बाद जब सामने खड़ा था तो खुशी की लहर ऐसी उठी कि ग़म के सारे किनारे बह गए। आंखों से खुशी के आंसू बरस पड़े और कांपती आवाज़ में मां ने बेटे को गले से लगाकर कहा – “अब कभी दूर मत जाना…”।

यह मंजर किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं था। 10 वर्षीय मासूम जो 11 मई 2024 को अचानक रुद्रपुर से लापता हो गया था, उसे एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) की टीम ने हरियाणा के नारायणगढ़ स्थित एक बाल आश्रम से ढूंढ निकाला। जैसे ही माता-पिता ने बेटे को देखा, उनका चेहरा वर्षों के ग़म से जैसे एक ही पल में मुक्त हो गया। पुलिस टीम के लिए यह सिर्फ एक मिशन नहीं, एक परिवार की टूटी हुई उम्मीद को फिर से जोड़ देने का काम था।

भिक्षु की बातों से डर गया था मासूम

एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि लापता बच्चा एक भिक्षु के डरावने प्रचार से घबरा गया था। डर के मारे वो किच्छा रेलवे स्टेशन पहुंचा और वहाँ से बरेली जाने वाली ट्रेन में चढ़ गया। फिर भटकते-भटकते अंबाला पहुंच गया और वहीं एक बाल आश्रम में दाखिल हो गया।

खोज में जुटी टीम ने सीसीटीवी, पोस्टर और एप का लिया सहारा : AHTU प्रभारी बसंती आर्या के नेतृत्व में टीम ने मामले को मिशन मोड में लिया। चौराहों पर लगे सीसीटीवी खंगाले गए, पोस्टरों से शहर भर को पाटा गया। फिर एक सूचना ने राह दिखाई – हरियाणा पुलिस के दो जवान एक बच्चे के साथ बहेड़ी में दिखे थे। सुरागों की कड़ी जोड़ते हुए पुलिस अंबाला पहुंची और RPF की मदद से बालक की पहचान की पुष्टि की गई।

वात्सल्य ऐप से मिली तस्दीक, आंखों में आंसू, दिल में सुकून : बालक के विवरण की पुष्टि वात्सल्य एप पर हुई। फिर क्या था, टीम 16 जुलाई को हरियाणा रवाना हुई और बेटे को लेकर रुद्रपुर लौट आई। घर पहुंचते ही जो दृश्य सामने आया, उसने पुलिस टीम की आंखें भी नम कर दीं। अभिभावकों ने हाथ जोड़कर कहा – “थैंक्यू ऊधमसिंह नगर पुलिस, आपने हमें हमारी दुनिया लौटा दी…” मानवता की यह मिसाल बताती है कि कभी-कभी पुलिस की वर्दी सिर्फ कानून का पहरेदार नहीं, किसी टूटे परिवार की आखिरी उम्मीद भी होती है।

 

 

 

 

Harish Upreti Karan

पिछले 20 वर्षों से दैनिक जागरण, हिंदुस्तान व अमृत विचार में पत्रकार के रूप में कार्य करने के अलावा चार काव्य संग्रह प्रकाशित, आकाशवाणी रामपुर व अल्मोड़ा से विभिन्न रचनाओं का प्रसारण, हिंदी फिल्म "यंग बाइकर्स" के लिए गीत लेखन, पर्यटन विभाग के लिए बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "चंपावत एक धरोहर" की स्क्रिप्ट राइटिंग, कुमाऊनी फिल्म "फौजी बाबू", "पधानी लाली", रंगमंच के विभिन्न नाटकों में अभिनय, कुमाऊनी गीत "पहाड़ छोड़ दे" और "काली जींस" का लेखन व गायन, फिल्म राइटर्स एसोसिएशन मुंबई का सदस्य

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