आत्महत्या के मामले के आरोपी दोषमुक्त

वर्ष 2017 में नशा मुक्ति केंद्र संचालक की पत्नी की आत्महत्या का मामला-जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला

खबरों की दुनिया, रुद्रपुर

वर्ष 2017 में एक महिला की फांसी लगाकर आत्महत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाते हुए अभियुक्तों को दोषमुक्त करार दिया। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने यह निर्णय दिया।

रुद्रपुर के धौलपुर क्षेत्र में तेजस्विनी फाउंडेशन नाम से नशा मुक्ति केंद्र संचालित होता था। इस केंद्र को सुखबीर सिंह नरवाल उर्फ सुखबीर चौधरी चलाते थे। वर्ष 2017 में उनकी पत्नी पूनम ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतका के पिता, जो देहरादून निवासी एवं पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हैं, ने अपने दामाद सुखबीर सिंह और उसके भाई सत्यवान सिंह पर पुत्री को प्रताड़ित करने व आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच के दौरान सुखबीर और सत्यवान के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया था। मामले की सुनवाई तृतीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, ऊधमसिंह नगर के न्यायालय में हुई। अभियुक्तों की ओर से अधिवक्ता कुलबीर सिंह ढिल्लों ने पैरवी की, जबकि राज्य सरकार की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने मामले का प्रतिरक्षण किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने 14 नवंबर को दोनों अभियुक्तों को दोषमुक्त कर दिया।

Harish Upreti Karan

पिछले 20 वर्षों से दैनिक जागरण, हिंदुस्तान व अमृत विचार में पत्रकार के रूप में कार्य करने के अलावा चार काव्य संग्रह प्रकाशित, आकाशवाणी रामपुर व अल्मोड़ा से विभिन्न रचनाओं का प्रसारण, हिंदी फिल्म "यंग बाइकर्स" के लिए गीत लेखन, पर्यटन विभाग के लिए बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "चंपावत एक धरोहर" की स्क्रिप्ट राइटिंग, कुमाऊनी फिल्म "फौजी बाबू", "पधानी लाली", रंगमंच के विभिन्न नाटकों में अभिनय, कुमाऊनी गीत "पहाड़ छोड़ दे" और "काली जींस" का लेखन व गायन, फिल्म राइटर्स एसोसिएशन मुंबई का सदस्य

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